

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से आग्रह किया है कि वो दो सप्ताह के भीतर बलवंत सिंह राजोआना की दया याचिका पर फैसला करें. बलवंत सिंह राजोआना 1995 में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में दोषी है और वह मौत की सजा का इंतजार कर रहा है. राजोआना 28 साल से जेल में बंद है और अब राष्ट्रपति की दया याचिका के निपटारे में अत्यधिक देरी के मद्देनजर जेल से रिहाई की मांग कर रहा है. सरकार द्वारा 2019 में गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती के उपलक्ष्य में उसकी जान बख्शने का फैसला किए जाने के बावजूद यह मामला लंबित है.
पीठ ने केंद्र सरकार पर असंतोष जताया
जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने इस मामले में जवाब देने में विफल रहने पर केंद्र सरकार के प्रति असंतोष जताया है. सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सचिव को निर्देश दिया कि वह बलवंत सिंह राजोआना की दया याचिका को राष्ट्रपति के सामने विचार के लिए रखें. पीठ ने राष्ट्रपति से दो सप्ताह के भीतर याचिका पर विचार करने का अनुरोध किया है. पीठ ने कहा, ‘मामले की सुनवाई के लिए विशेष रूप से आज (सोमवार, 18 नवंबर) का दिन तय किए जाने के बावजूद केंद्र की ओर से कोई भी उपस्थित नहीं हुआ. जबकि पीठ केवल इसी मामले की सुनवाई के लिए बैठी थी.’